महेश कुमार हरियाणवी की कविताएँ
दर्पण: यह कविता जीवन के संघर्षों, परिवर्तनों और चुनौतियों के बारे में बात करती है।
संचारित दुनिया में, अकेलापन रोएगा।
बच्चा कहीं और पले, माता कहीं और हो।
कौन देगा ज्ञान ध्यान, पैसों की हिलोर हो।
ज्ञान दीन: यह कविता ज्ञान और धन के बीच संबंधों के बारे में बात करती है।
बदलते हालात: यह कविता जीवन में बदलाव और सुधार के बारे में बात करती है।
प्रभु गिरधर मुरली वाले: यह कविता भगवान कृष्ण की महिमा के बारे में बात करती है।
नमन: यह कविता देश के विकास एवं देशवासियों के साहस और उनकी महानता के बारे में बात करती है।
रामत्व: यह कविता भगवान राम की महिमा के बारे में बात करती है।
तीज का त्यौहार: यह कविता तीज पर्व के महत्व और उत्साह के बारे में बात करती है।
यह कविता जीवन में मतभेदों और द्वेष के बारे में बात करती है और हमें जीवन के सच्चे मूल्यों को नहीं भूलने की सलाह देती है।
बात यही सब को बतलाना।
जीवन में मतभेद नहीं रख,
बादल भी कितना ठहरे नभ,
मान भले मिल जा धन पाकर,
जीवन का सच भूल न जाना।।
महेश कुमार हरियाणवी का परिचय:
महेश कुमार हरियाणवी एक प्रसिद्ध हरियाणवी कवि, और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म हरियाणा राज्य के गाँव झूक, जिला महेन्द्रगढ़ में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा वहीं पूरी की।
महेश कुमार हरियाणवी की कविताएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं, सामाजिक मुद्दों, प्रेम, और प्रकृति के बारे में होती हैं। उनकी कविताओं की विशेषता है उनकी सरल और स्पष्ट भाषा, जो पाठकों को उनके संदेश को आसानी से समझने में मदद करती है।
महेश कुमार हरियाणवी की कुछ प्रसिद्ध कविताएँ हैं "दर्पण", "बदलते हालात", "खिलाड़ी", "ज्ञान दीन", और "रामत्व" इत्यादि। उनकी कविताएँ हरियाणवी व हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं और पाठकों द्वारा बहुत पसंद की जाती हैं।
महेश कुमार हरियाणवी सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं और उन्होंने कई सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लिया है। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं।
महेश कुमार हरियाणवी की कविताएँ और सामाजिक कार्यों ने उन्हें हरियाणवी साहित्य और सामाजिक क्षेत्र में एक प्रसिद्ध व्यक्ति बना दिया है।
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