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रामत्व

'राम-राम' करो शर्म नहीं हैं...| रामत्व| राम के कर्म| महेश कुमार (हरियाणवी)


रामत्व

(रामत्व)


पावन नाम को पावन गाएँ
मिल-मिल कर सब ही दोहराएँ।
कर्मों की जग करता पूजा
राम नाम हैं जीवन दूजा।।       कर्म 



साथ के संगी छूट न जाएँ
ममतामयी मन रूठ न जाएँ।
मुश्किल से मुश्किल हल होगी
राम प्रण का पूर्ण योगी।।         प्रण



राजपाट जिसे रोक न पाया
वनवासी वन जीत ले आया।
दुश्वारी निर्बल की भोगी
राम नाम जपते हैं जोगी।।      चाल



इंद्रियां जिसे ठग ना पाई
साथ रही और राह बनाई।
प्रतिष्ठा का मान है ऊँचा
मर्यादि श्री राम समूचा।।        चलन



बल में क्रोध कभी नहीं आया
सजती सुड़ौल सुशोभित काया।
साथ में साथी मिलते जाएँ
राम निडर रह राह बनाएँ।।      छवि



हाथ में जब कोदंड उठाया
क्षमता देख दानव घबराया।
पराक्रम में अतिबलशाली
राम रीत की बात निराली।।     पराक्रम



अहंकार को जड़ से मिटाया
खुशियों का गया दीप जलाया।
चमक उठी प्रकाशमय लीला
राम गान है बड़ा सुरीला।।         मार्ग



दैव्य रूप दुनिया बतलाए
मानव बन मानव में समाए।
गुरु के ज्ञान मान को जाना
सादा जीवन रहा सुहाना।।        ज्ञान



राम धर्म हैं अधर्म नहीं है
'राम-राम' करो शर्म नहीं है
भ्रम की शिक्षा भूल न जाए
जीवन खुद रामायण गाए।।      संदेश



दुनिया को यही राम सुहाएँ
मिल-मिल कर सब ही दोहराएँ।
कर्मों की जग करता पूजा
राम नाम हैं जीवन दूजा।।

लाइक:


युवा कवि:
महेश कुमार (हरियाणवी)
महेंद्रगढ़, 123029
+91-9015916318



परिचय:
महेश कुमार यादव, ईश्वर के नाम से अपने नाम की शुरुआत करने वाले अनोखे प्रदेश हरियाणा के एक बहुत ही शांत, पुराने तथा कृषि प्रधान जिला महेंद्रगढ़ के रहने वाले है। 
इनकी कलम अकसर मानवीय चेतना तथा सवेंदनाओं पर चलना अत्यधिक पसंद करती हैं। #महेशकुमारहरियाणवी
                                                
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रामत्व रामत्व Reviewed by Mahesh Kumar on 6/22/2023 01:32:00 pm Rating: 5

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