काव्यपत्र आपका स्वागत करता हैं। (काव्यपत्र पर कविताओं को सुनने की सुविधा भी उपलब्ध हैं।)🕺 🌈आधुनिक हिंदी कविताओं अथवा काव्य रचनाओं का एक बेहतरीन काव्य संग्रह। कविताएँ पढ़ना, लिखना, सीखना, गाना और दिखाना सब एक साथ एक जगह यानी 'काव्यपत्र संगम'। ( 🎤 कविताएँ सुनने के लिए ऊपर ☝️ 'काव्यस्वर' नाम से खोज करें।) ..... (तो अब सुनें-सुनाएँ और मुस्काएँ!! 🌝 🎉 )
' राम-राम' करो शर्म नहीं हैं ...| रामत्व| राम के कर्म| महेश कुमार (हरियाणवी) ( रामत्व ) पावन नाम को पावन गाएँ मिल-मिल कर सब ही दोहरा...
रामत्व रामत्व Reviewed by Mahesh Kumar on 6/22/2023 01:32:00 pm Rating: 5
 ( प्रीत गीत  ) आस लगाई तुमसे तुम जीवन का साथ निभाना रे। हो साथी मन के तुम ये गलती से भूल न जाना रे।              लाखों होंगे गहरी खाई      ...
प्रीत गीत प्रीत गीत Reviewed by Mahesh Kumar on 10/19/2022 03:48:00 pm Rating: 5
जिस आँचल के दूध तले, इस जीवन की आस पले।.. । माँ । हिंदी कविता । मेरी माँ। काव्ययपत्र भूमिका :  पवित्रता में दुनिया का सबसे छोटा शब्द है &qu...
माँ मेरी माँ माँ मेरी माँ Reviewed by Mahesh Kumar on 7/06/2022 08:56:00 pm Rating: 5
भय को भी भय यहाँ, पग को टिकाएं कहाँ। जमते कदम मि..| हिन्दीकविता | काव्यपत्र | कवितछंद | प्रेरक_कविता भूमिका: नेक राह पर चल,  बार बार देखा मै...
शैतान शैतान Reviewed by Mahesh Kumar on 4/29/2022 06:00:00 am Rating: 5
दरिया से क्यों डरता हाथी, जबतक तिनका हाथ। |हिंदी कविता भूमिका:  हमकों खरीदेगा जमाना?  हम बिकते ही नहीं। खुशहाल तराना हम से हैं, हम खुशियों स...
बुरें-भलें हालात बुरें-भलें हालात Reviewed by Mahesh Kumar on 2/19/2022 10:01:00 pm Rating: 5
पहचान किस क़फ़न में कौन है? आज धड़कनें मौन हैं। | कोरोना कविता| कोरोना कविता © आज बिखरे शवों पर धरती माँ क्यों मौन है? क़फ़न हटा पहचान किस क़फ़न मे...
जिम्मेदार कौन है? जिम्मेदार कौन है? Reviewed by Mahesh Kumar on 1/15/2022 10:51:00 am Rating: 5
क्षण में छन निकला...  हिंदी कविता| स्वास्थ| बदलता युग| बदलाव पर कविता| विकास किसे कहते हैं परिवर्तन पर कविता ठिठुरती थी सर्दी या, जंग दहाड़ती...
बदलता युग बदलता युग Reviewed by Mahesh Kumar on 12/04/2021 08:20:00 am Rating: 5
माँग रहा मजबूर सदा, यूँ कर्जा बढ़ता जाय! | हिंदी कविता| महंगाई की समस्या| महंगाई का अर्थ| महंगाई के कारण| महंगाई क्या हैं? भूमिका: सगलें औंधे...
गजब महंगाई गजब महंगाई Reviewed by Mahesh Kumar on 11/20/2021 09:36:00 am Rating: 5