प्रीत गीत
( प्रीत गीत )
आस लगाई तुमसे तुम
जीवन का साथ निभाना रे।
हो साथी मन के तुम ये
गलती से भूल न जाना रे।
लाखों होंगे गहरी खाई
जन्नत मिले मिले तन्हाई।
बेरुखी से नाता कैसा
दिल ने तुमसे प्रीत लगाई।
भूली-भटकी दुनियाँ में
अब छोड़ कही ना जाना रे।
हो साथी मन के तुम ये
गलती से भूल न जाना रे।
होगी हरदम रब की चाही
मिलके चलेंगे हर राही।
लाएगा वो वक़्त हमारा
पुष्पित सेहरा शहनाई।
प्यार मिले हर बार मिले
नाज़ का राज-ठिकाना रे।
हो साथी मन के रे तुम
गलती से भूल-न-जाने ये..।।
आस लगाई तुमसे तुम
जीवन का साथ निभाना रे
हो साथी मन के तुम ये
गलती से भूल न जाना रे।। ©
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