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प्रीत गीत

 ( प्रीत गीत  )



आस लगाई तुमसे तुम

जीवन का साथ निभाना रे।

हो साथी मन के तुम ये

गलती से भूल न जाना रे।




             लाखों होंगे गहरी खाई

             जन्नत मिले मिले तन्हाई।

             बेरुखी से नाता कैसा

             दिल ने तुमसे प्रीत लगाई।


भूली-भटकी दुनियाँ में

अब छोड़ कही ना जाना रे।

हो साथी मन के तुम ये

गलती से भूल न जाना रे।


          

             होगी हरदम रब की चाही

             मिलके चलेंगे हर राही।

             लाएगा वो वक़्त हमारा

             पुष्पित सेहरा शहनाई।

        

प्यार मिले हर बार मिले

नाज़ का राज-ठिकाना रे।

हो साथी मन के रे तुम

गलती से भूल-न-जाने ये..।।



               आस लगाई तुमसे तुम

               जीवन का साथ निभाना रे

               हो साथी मन के तुम ये

               गलती से भूल न जाना रे।। ©




युवा कवि: ©
महेश कुमार (हरियाणवी)
महेंद्रगढ़, +91-9015916317


परिचय: महेश कुमार यादव, ईश्वर के नाम से अपने नाम की शुरुआत करने वाले अनोखे प्रदेश हरियाणा के एक बहुत ही शांत, पुराने तथा कृषि प्रधान जिला महेंद्रगढ़ के रहने वाले है। 
इनकी कलम अकसर मानवीय चेतना तथा सवेंदनाओं पर चलना अत्यधिक पसंद करती हैं। #महेशकुमारहरियाणवी
                                                

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प्रीत गीत प्रीत गीत Reviewed by Mahesh Kumar on 10/19/2022 03:48:00 pm Rating: 5

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