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प्रीत का त्यौहार

 कदम-कदम पे वार खड़े, तैर चलीं पतवार हैं.. | तीज का त्यौहार| हिंदी कविता| गजब की कविता| काव्यपत्र|

 ( प्रीत का त्यौहार ) 

भूमिका: उत्तर और मध्य भारत में बेहद प्रसिद्ध और पवित्र माने जाने वाले "हरियाली तीज" के त्यौहार पर आधारित एक सुंदर गीत।


शिव गौरा का मिलन पुनः
पावन प्रेम का द्वार है।
छम-छम-छम मेघ पुकारे
ये तीज का त्यौहार है।




ऊँचे-ऊँचे झूलों पर
झूली लचकतीं डाल हैं।
बस्ती में बस्ती देखो
चारो तरफ हरियाल हैं।

देख जिसे मन हर्षाया
घर घेवर की बहार है।।
छम-छम-छम मेघ पुकारे
ये तीज का त्यौहार है।।




डर मत बहना सपनों में
मामा भाई अपनों में।
मिलने को घर पे आएं
तौल के जाएं रत्नों में।

आँख खोल के देख भले
ख्वाब तेरा साकार है।
छम-छम-छम मेघ पुकारे
ये तीज का त्यौहार है।।




कितने आये और गए,
कितने अभी तैयार है।
कदम-कदम पे वार खड़े
तैर चलीं पतवार हैं।

घुलमिल कर के संग चले
यही अपना विस्तार हैं।
छम-छम-छम मेघ पुकारे
ये प्रीत का त्यौहार है।।




युवा कवि: ©
महेश कुमार (हरियाणवी)
महेंद्रगढ़, +91-9015916317


परिचय: महेश कुमार यादव, ईश्वर के नाम से अपने नाम की शुरुआत करने वाले अनोखे प्रदेश हरियाणा के एक बहुत ही शांत, पुराने तथा कृषि प्रधान जिला महेंद्रगढ़ के रहने वाले है। 
इनकी कलम अकसर मानवीय चेतना तथा सवेंदनाओं पर चलना अत्यधिक पसंद करती हैं। #महेशकुमारहरियाणवी
                                                

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प्रीत का त्यौहार प्रीत का त्यौहार Reviewed by Mahesh Kumar on 8/01/2022 09:36:00 pm Rating: 5

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