लालमणि
लगे सुथरी घनी, जाणे लालमणि| हरियाणवी गाना | महेश कुमार हरियाणवी | हरियाणवी सॉन्ग | ©
फेस-बूक पे बैठ ये छोरी यूँ इतरावहै सै।
लगे सुथरी घनी, जाणे लालमणि, मैकयप मरवावहै सै।
खोएँ ऊपर कटी कटोरी
कुर्ती आधे पेट पे होरी।
साबन जैसी कोरी-कोरी
पीठ रसीली लचक हिलोरी
टिंगर-टिंगर के हाँडै, नख़रे खूब जतावै सै।
लगे सुथरी घनी, जाणे लालमणि, मैकयप मरवावहै सै।
लाली लाके हूर लगै यूँ
क्रीम लगाके नूर लगै न्यू।
मस्कारा से मस्त हो गई
देख चाँदनी पस्त हो गई।
कोमल बह्ण मासूम जह्ण, छक्के छुड़वावह सै।
लगे सुथरी घनी, जाणे लालमणि, मैकयप मरवावहै सै।
कानों में कुंडल के पल़्हके
पैरों में पालयल खणके।
बैरण पहरै नक़ली मोती
कंठी गले में घाल ले मोटी।
सागर के संताप लगे जब, बिजली कड़कावहै सै।
लगे सुथरी घनी, जाणे लालमणि, मैकयप मरवावहै सै।
युवा कवि: ©
महेश कुमार हरियाणवी
झूक, महेन्द्रगढ़
9015916317
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लालमणि
Reviewed by Mahesh Kumar
on
5/31/2024 05:29:00 pm
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