मतदान
चुनाव पर कविता | मतदान पर कविता | लोकतंत्र पर कविता | चुनकर लाएँ नया तराना...
(मतदान)
बढ़चढ़ कर मतदान करो तुम,
अवसर का सम्मान करो तुम।
कीमत अपनी भूल न जाना,
चुनकर लाएँ नया तराना।
यहाँ जनता सबसे महान।
मतदान मतदान मतदान।।
पेटी दर चलकर आई है,
तेरे सपनो की राही है।
बूथ पहुँच मतदान करो तुम,
ये जनता की अगुवाई है।
कर के पैसे व्यर्थ न जाएँ,
बल अपना बल भूल न पाएँ।
चल उँगली पे लगे निशान,
मतदान मतदान मतदान।।
लोकतंत्र के बनके साथी,
साफ नियत सरकार बना दो।
भारत का रथ रुक ना पाए,
भ्रष्टाचारी दूर भगा दो।
भईं पाँच साल का मोल हैं,
हाँ, तेरा हाथ ही तोल हैं।
तू तुच्छ ना इसको मान,
मतदान मतदान मतदान।।
बढ़चढ़ कर मतदान करो तुम,
अवसर का सम्मान करो तुम।
कीमत अपनी भूल न जाना,
चुनकर लाएँ नया तराना।
यहाँ जनता सबसे महान,
मतदान मतदान मतदान।।©
युवा कवि:
महेश कुमार (हरियाणवी)
महेंद्रगढ़, 123029
9015916317
परिचय:
महेश कुमार यादव, ईश्वर के नाम से अपने नाम की शुरुआत करने वाले अनोखे प्रदेश हरियाणा के एक बहुत ही शांत, पुराने तथा कृषि प्रधान जिला महेंद्रगढ़ के रहने वाले है।
इनकी कलम अकसर मानवीय चेतना तथा सवेंदनाओं पर चलना अत्यधिक पसंद करती हैं। #महेशकुमारहरियाणवी
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👉 रामत्व
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मतदान
Reviewed by Mahesh Kumar
on
11/21/2023 04:22:00 am
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