बोल तिरंगा बोल
कोई इतिहासों का गान है, कोई मजदूरी का मान है।
|हिंदी कविता| भारत पर कविता|
भूमिका:
करोड़ो दिलों में धड़कने वाला तिरंगा आखिर किसकी पहचान हैं?
(बोल तिरंगा बोल)
कोई सर पर उड़ता यान है,
कोई कारीगर करवान है।
कोई मिट्टी की पहचान है,
कोई चौखट का अभिमान है।
कोई शिक्षा में गुणवान है
कोई सर्कस की कमान है।
कोई खेलों का मैदान है
कोई सीमा पे गलवान है।
कोई भक्ति में परवान है
कोई सामाजिक समाधान है।
कोई इतिहासों का गान है
कोई लिखता कलमी ज्ञान है।
कोई व्यापारी ईमान हैं
कोई मजदूरी का मान है।
कोई दुग्ध की दुकान है
कोई हरियाली खलियान हैं।
कोई पद्धति का निर्माण हैं
कोई घर का रखता ध्यान है।
हर उंगली का बलिदान हैं।
बंद मुठ्ठी हिंदुस्तान है।।
युवा कवि: ©
महेश कुमार (हरियाणवी)
महेंद्रगढ़, +91-9015916317
परिचय: महेश कुमार यादव, ईश्वर के नाम से अपने नाम की शुरुआत करने वाले अनोखे प्रदेश हरियाणा के एक बहुत ही शांत, पुराने तथा कृषि प्रधान जिला महेंद्रगढ़ के रहने वाले है।
इनकी कलम अकसर मानवीय चेतना तथा सवेंदनाओं पर चलना अत्यधिक पसंद करती हैं। #महेशकुमारहरियाणवी
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बोल तिरंगा बोल
Reviewed by Mahesh Kumar
on
8/15/2022 11:39:00 am
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