अक्षर दीप 3/03/2022 07:33:00 am पग-पग खड़ी चुनौतियाॅं, लेकर पीर अपार। जीवन-पथ में तू मगर, पथिक न जाना हार।।। | दोहे | हिंदी कविता| भूमिका: भीतर अपने बूँद को, रखती जैसे सीप...